Satellite Kya Hai :
दोस्तों आपने सैटेलाइट के बारे में सुना होगा। जो आप यूट्यूब या टीवी चैनल पर आप को देखने को मिलता है। की नासा ने सैटेलाइट लांच कर दिया इसरो ने चन्द्रमा पर सैटेलाइट भेजा है ऐसा आपको सुनने को मिला होगा।(Satellite Kya Hai)आज हम उसी सैटेलाइट की जानकारी सैटेलाइट क्या है वो ऊपर कैसे उड़ता है इसे कोण बनाता है ,कैसे बनता है ,और ऊपर हवा में कैसे जाता है उसकी जानकारी हम आज इस ब्लॉग में जानने वाले है।
सैटेलाइट की जानकारी आपको बिंदास बोला। कॉम इस वेबसाइट पर आपके सभी सवालो के जवाब आज में आपको इस ब्लॉग में देने वाला हु। तो चलिए शुरू करते है सैटेलाइट के बारे में आपके मन में जो जो सवाल उठे है उसके बारे में आज हम पूरी जानकारी आज जानने वाले है। (Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट क्या है इनके बारे ,में जानकारी जानने से पेहले में आपको एक गोष्ट क्लियर करना चाहता हूँ की आप अपने रोज के दिनक्रम में सैटेलाइट हर चिज में उपयोग करते है। जब आप टीवी देख रहे हो मौसम का हाल देख रहे हो या अपने घर पर फोन पे बात कर रहे हो या अपने देश के बाहर दूसरे देश में बैठे दोस्त के साथ बात कर रहे हो ये सब चीजे जो होती ये सब चीजे किसीना किसी सैटेलाइट की वजह से होती है। इन सब चीजों की जानकारी हम इस ब्लॉग में जानने वाले है तो इस ब्लॉग आखिर तक पढ़े जो आपके नॉलेज का टेक्नॉलजी के लिए अच्छा होगा चलो शुरू करते है।
Satellite Kya Hai : सैटेलाइट क्या है और फोटो कैसे भेजता है
1.सैटेलाइट क्या है
Satellite Kya Hai in hindi:सैटेलाइट को आसान भाषा में समजे तो आप सैटेलाइट को एक ऑब्जेक्ट भी कह सकते है। जो अपने से ज्यादा बड़े ग्रहो के उपर से चकर लगता रहता है। उसे हम हिंदी में एक उपग्रह भी कहते है जो मानव निर्मित है।
जैसे पृथ्वी उपग्रह चंद्र होता है वैसे सैटेलाइट एक मानवनिर्मित उपग्रह होता है जो इंसान ने बनाया है उसे इंसान हैंडल करते है। इसके बाद उसके अंदर कंट्रोल मोटर भी होती है उसकी मदत से हम उस सैटेलाइट को हम रिमोट से कण्ट्रोल कर सकते है(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट की दोनों साइड में सैटेलाइट के आकार के सोलार पैनल होते है उसी सोलार पैनल से उस सैटेलाइट को ऊर्जा मिलती है उस सोलार पैनल के बिच में ट्रांसमीटर और रिसीवर होते है पृथ्वी पर फोटो या कुछ जानकारी देने का काम करते है।
सैटेलाइट (Satellite) एक उपग्रह होता है. जो भूकंप की जानकारी , मौसम की जानकारी ,और नियंत्रण,आणि संचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। ये सैटेलाइट आकाश में बने हुए रहते है और पृथ्वी या अन्य ग्रहों के आस-पास चक्कर काटते हुए घूमते हैं।(Satellite Kya Hai)
1. पृथ्वी के भौगोलिक सैटेलाइट: इनमें से कुछ सैटेलाइट पृथ्वी के आस-पास स्थित होते हैं और पृथ्वी पर वे भूगर्भीय प्रणालियों के लिए उपयुक्त
जानकारी और फोटो प्रदान करते हैं।
2. गैर-भौगोलिक सैटेलाइट: ये सैटेलाइट पृथ्वी के बाहर स्थित होते हैं और सूर्य या अन्य ग्रहों की जानकारी को समझने या अध्ययन और अनुसंधान के लिए इस
सैटेलाइट का उपयोग किया जाता है ।(Satellite Kya Hai)
3. संचार सैटेलाइट: संचार सैटेलाइट जो होते है वो दूरस्थ संचार का संचार करते हैं, जिससे आप टीवी, रेडियो, या इंटरनेट और अन्य सेवाएं प्रदान करती है
4. नियंत्रण सैटेलाइट: ये सैटेलाइट द्वारा वाहनों के नियंत्रण और निरीक्षण के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जैसे कि दूरस्थ निरीक्षण, विमानों और उपग्रहों की
निरखानी करने के लिए इस सैटेलाइट का उपयोग करते है। आज हमारे पृथ्वी के ऊपर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है वो पृथ्वी की निरखानी करता है।
सैटेलाइट और उनके उपयोग ने इंसान के जीवन में बहुत सारे सार्वजनिक और व्यक्तिगत क्षेत्रों में बदलाव ला किये है।उसी बदलाव के कारण हम उन सैटेलाइट माध्यम से हम सूचना, दूरदर्शन टीवी , नेविगेशन, बारिश की जानकारी, अनुसंधान और अन्य अधिक सेवाएं प्राप्त करते हैं।(Satellite Kya Hai)
2.सैटेलाइट का इतिहास क्या है
सैटेलाइट को पहली बार आर्थर सी. क्लार्क द्वारा 1945 एक पेपर में कियी थी। उपग्रह भेजने का युग शीत युद्ध के दौरान शुरू हुआ था। जब संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में जाने की दौड़ में प्रतिस्पर्धा लग गयी थी ।
4 अक्टूबर, 1957 को सोवियत संघ(रशिया) ने दुनिया में पहला कृत्रिम उपग्रह लॉन्च किया , उस उपग्रह का नाम स्पुतनिक 1 था , कक्षा में लॉन्च किया। एक ऐसा उपग्रह था की जिसने रेडिओ सिगनल को पृथ्वी पर भेजा।(Satellite Kya Hai)
सोवियत संघ के सफलता के जवाब में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 31 जनवरी, 1958 को अपना पहला उपग्रह, एक्सप्लोरर 1 को लॉन्च किया। यह पृथ्वी के चारों ओर वैन एलन विकिरण बेल्ट का पता लगाने वाला पहला उपग्रह था।
3.सैटेलाइट कैसे काम करता है
प्रक्षेपण (launch): जो सटेलिते होता है उसे पेहले रॉकेट का उपयोग कर के अंतरिक्ष में भेजा जाता है। एक बार जब वो वंचित ऊंचाई पर जाता है. तो उस सटेलिते को
अन्य खगोलीय पिंडों की कक्षा में छोड़ दिया जाता है।
गुरुत्वाकर्षण बल(Gravitational Force): सैटेलाइट अपनी आगे की गति (जड़ता) और जिस खगोलीय पिंड की वो परिक्रमा कर रहा हैं उसकी ओर खींचने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के बीच संतुलन के कारण अपनी कक्षाओं में बने रेहता हैं।(Satellite Kya Hai)
संचार और डेटा संग्रह(Communication and Data Collection): एक बार सैटेलाइट कक्षा में स्थापित होने के बाद, सैटेलाइट को विभिन्न उपकरणों तयार किया जाता है । संचार उपग्रह टेलीविजन,रेडियो, इंटरनेट और अन्य संचार सेवाओं को उपग्रह सिग्नल रिले करता हैं। कुछ जानकारी पृथ्वी पर भेज देता है
सौर ऊर्जा(Solar Power): सैटेलाइट के लिए सूर्य के प्रकाश से बिजली को तयार किए जाती है बिजली को तयार करने के लिए सौर पैनलों का उपयोग किया जाता है।इस शक्ति का उपयोग उपग्रह के सिस्टम को चालू रखने के लिए किया जाता है, सैटेलाइट सौरपैनल के बिच कंट्रोलर होता है उसमे संचार, डेटा संग्रह और अन्य ऑनबोर्ड उपकरण होते हैं।जो पृथ्वी उसकी जानकारी भेज सके.(Satellite Kya Hai)
ग्राउंड स्टेशन(Ground Station): ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से सैटेलाइट(उपग्रहों) के साथ संचार की सुविधा मिलती है। ये स्टेशन सैटेलाइट तक सिग्नल भेजने और उससे सिग्नल प्राप्त करने के लिए बड़े एंटेना का उपयोग करता हैं।
डेटा ट्रांसमिशन(Deta Transmisson): सैटेलाइट रेडियो तरंगों का उपयोग करके डेटा और सिग्नल को पृथ्वी पर वापस भेज देता हैं।(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट फोन (Satellite Phone)
सैटेलाइट फोन (Satellite Phone) एक प्रकार का मोबाइल फोन है जो संचार के लिए सेटेलाइट संचार सिस्टम का उपयोग करता है। इन फोनों का मुख्य उद्देश्य है विमानों, जहाजों, खुले समुद्र में, जंगल में जंहा नेटवर्क नहीं रहता है और आपदा के इलाकों में एक दूसरे को बात करने के लिए सटेलित फ़ोन का उपयोग किया जाता है । इन फोनों का उपयोग वहां पर होता है जहां साधारण मोबाइल सेवा उपलब्ध नहीं होती है या जहां संचार का संकट होता है।(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट फोन काम करने के लिए वे ऊपर स्थित उपग्रहों के साथ संबंध स्थापित करते हैं जो धरती के आस-पास घूमते हैं। ये उपग्रह संचार सिग्नल्स को धरती के अन्तरिक्ष में होने वाले विभिन्न बेस स्टेशन्स तक पहुंचाते हैं,
सैटेलाइट मैप(Satellite Map)
सैटेलाइट मैप (Satellite Map) भौगोलिक सूचना को दिखाने के लिए सैटेलाइट के द्वारा ली गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन फोटो का उपयोग करता है। ये मैप पृथ्वी की जमीन को ऊपर से देखने की अनुमति देता है। और विभिन्न भू-भागों, नदियों, पहाड़ों, वन्य जीव, शहरों, गांवों और अन्य स्थानों का सटीक चित्रण को सैटेलाइट मैप प्रदर्शित करता हैं।(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट मैप बनाने के लिए सैटेलाइट अंतरिक्ष में स्थित होते हैं और वहां से उच्च-रिज़ॉल्यूशन फोटो लेते हैं। इन फोटो को भौगोलिक जानकारी से मिलाकर उसका भू-मॉडल बनाया जाता है. जिसमें सूचना की सटीकता और सही दिशा-निर्देश सुनिश्चित की जाती है। इसके बाद, इस भू-मॉडल का उपयोग कर के अलग अलग मैप्स को तैयार किया जाता हैं, जैसे कि राज्यों सभी देशों के भौगोलिक मैप्स, शहरों के मैप्स etc(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट वेदर(Satellite Wether)
सैटेलाइट वेदर (Satellite Weather) एक प्रकार का अंतरिक्ष उपकरण है जो बारिश के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए सेटेलाइट वेदर का उपयोग किया जाता है। ये सैटेलाइट धरती के आस-पास घूमते हुए उपग्रहों में से एक होता है और ऊपर स्थित वायुमंडल और बारिश की समस्त गतिविधियों का निरीक्षण करता है।
सैटेलाइट वेदर के माध्यम से हम धरती के अंदर हो रहे मौसम के बदलाव ,बादल , तूफ़ान, बारिश, हिमपात, तापमान, हवा का दबाव, इन सभी चीजों की जानकारी सैटेलाइट वेदर से मिलती है। ये जानकारी मौसम विभाग, नौसेना दल , हवाई दल , जहाज, और कृषि संबधित क्षेत्रों में रहते समय के लिये आवश्यक जानकारी सैटेलाइट वेदर देता है.(Satellite Kya Hai)
सैटेलाइट वेदर के उपकरण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मौसम विभागों के द्वारा चलाए जाते हैं और इनकी मदद से लोगों को मौसम से सम्बंधित जानकारी दियी जाती है ताकि वो अपने काम के लिए योजनाये बनाये।
सैटेलाइट के प्रकार (Types of Satellites)
1. Communication Satellites: इस उपग्रह का उपयोग वे टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट, टेलीफोन और अन्य संचार सेवाओं में सिग्नल को देने के लिये करते हैं।
2. Earth Observation Satellites: पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को मौसम पूर्वानुमान, पर्यावरण निगरानी, आपदा प्रबंधन और कृषि के बारे में डेटा की निगरानी करने के लिए इस उपग्रह का उपयोग किया जाता है।(Satellite Kya Hai)
3. Navigation Satellites: नेविगेशन उपग्रह,का उपयोग जैसे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), जमीन, समुद्र या हवा पर चलने वालो(ship ,airoplane ) के लिए अचूक स्थिति, नेविगेशन और समय की जानकारी करता हैं।
4. Weather Satellites: मौसम उपग्रह मौसम पूर्वानुमान और जलवायु अनुसंधान में सहायता के लिए इस उपग्रह का उपयोग किया जाता है।
5. Remote Sensing Satellites: रिमोट सेंसिंग उपग्रह भूमि उपयोग, शहरी विकास और पर्यावरणीय परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए सेंसर और कैमरों का उपयोग करके पृथ्वी की जमीन जानकारी लियी जाती है।(Satellite Kya Hai)
6. Military Satellites: सैन्य उपग्रहों का उपयोग रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिसमें खुफिया जानकारी एकत्र करना, निगरानी करना शामिल होता है।
7. Scientific Satellites: वैज्ञानिक उपग्रह का उपयोग आकाशीय पिंडों, अंतरिक्ष घटनाओं और ब्रह्मांड का खगोलीय अनुसंधान और अंतरिक्ष अन्वेषण करने के लिए किया जाता है।
8. Navigational Augmentation Satellites: यह उपग्रह लोकेशन को ट्रेक करने का काम करता है.(Satellite Kya Hai)
9. Low Earth Orbit (LEO) उपग्रह : LEO उपग्रह पृथ्वी के बहुत करीब परिक्रमा करते हैं। जिससे तेज़ डेटा ट्रांसमिशन कम टाइम में हो जाता है। leo सेटेलाइट को फोन कॉलिंग के लिये इस्तेमाल किया जाता है
10. Medium Earth Orbit (MEO) उपग्रह: MEO उपग्रहों की कक्षाएँ LEO उपग्रहों से ऊँची होती है। इनका उपयोग आमतौर पर जीपीएस जैसे नेविगेशन सिस्टम के लिए किया जाता है।
11. Highly Elliptical Orbit (HEO):HEO उपग्रहों की कक्षाएँ उच्च विलक्षणता वाली होती हैं, जो अपने समय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एक गोलार्ध में बिताते हैं और फिर तेजी से दूसरे गोलार्ध में चले जाते हैं।
example . पृथ्वी से सिदा चाँद के ऑर्बिट में जाता है इतनी तेजी होती है।(Satellite Kya Hai)